Loan Fraud मामले में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास को हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, जानें क्या है पूरा मामला
RBI Governor: महेश बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास को अवमानना नोटिस जारी किया क्योंकि आरबीआई एपी महेश कॉप के प्रशासन और दिन-प्रतिदिन के मामलों को चलाने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करने में विफल रहा.
RBI Governor: तेलंगाना हाईकोर्ट ने सोमवार को महेश बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास को अवमानना नोटिस जारी किया. इस मामले में शीर्ष अधिकारी कथित रूप से ऋणों के अवैध वितरण और अन्य अनियमितताओं में शामिल थे. क्योंकि आरबीआई एपी महेश कॉप के प्रशासन और दिन-प्रतिदिन के मामलों को चलाने के लिए एक अधिकारी नियुक्त करने में विफल रहा. बैंक, तेलंगाना उच्च न्यायालय की ओर से 24 अप्रैल को दिए गए आदेश के अनुसार, बैंक के शेयरधारक कल्याण संघ ने अवमानना मामला दायर किया था. न्यायमूर्ति सी.वी. भास्कर रेड्डी ने आरबीआई गवर्नर से 7 जुलाई तक यह बताने को कहा कि क्यों न अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए.
हाईकोर्ट ने क्या दिए थे निर्देश?
अपने पहले के आदेश में अदालत ने आरबीआई को महेश सहकारी बैंक के प्रशासन और दिन-प्रतिदिन के मामलों को चलाने के लिए अपनी पसंद का एक अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया था, जिसके पास शेयरधारकों के हित में नीतिगत निर्णय लेने की शक्ति भी होगी. नीतिगत फैसलों के लिए बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह लेने का निर्देश देते हुए अदालत ने कहा कि यह कदम शेयरधारकों के हितों की रक्षा करने और दैनिक कामकाज चलाने के लिए है.
अदालत ने शेयरधारकों द्वारा दायर अंतरिम आवेदनों से निपटने के दौरान आदेश जारी किए, जिसमें महेश बैंक के रिटर्निग ऑफिसर को 1,800 गोल्ड लोन लेने वालों द्वारा दिए गए वोटों पर विचार करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी. उन्होंने वोटों की दोबारा गिनती करने और बोर्ड चुनाव के नतीजे नए सिरे से घोषित करने के लिए एक सर्कुलर जारी करने की भी मांग की.
सर्कुलर को रद्द करने की थी मांग
TRENDING NOW
Retirement Planning: रट लीजिए ये जादुई फॉर्मूला, जवानी से भी मस्त कटेगा बुढ़ापा, हर महीने खाते में आएंगे ₹2.5 लाख
SIP Vs PPF Vs ELSS: ₹1.5 लाख निवेश पर कौन बनाएगा पहले करोड़पति? जानें 15-30 साल की पूरी कैलकुलेशन, मिलेंगे ₹8.11 Cr
रिट याचिकाओं में मांग की गई थी कि अदालत एपी महेश बैंक द्वारा 10 सितंबर, 2018 को जारी किए गए सर्कुलर संख्या 105 को मनमाना, अमान्य और अल्ट्रा वायर्स के रूप में सहकारी समिति अधिनियम, 2002 की धारा 11 के प्रावधानों और उपनियमों के खंड 4 के रूप में घोषित करे. इससे पहले, अदालत ने 8 जनवरी, 2021 को अंतरिम आदेश दिए थे, जिसमें नव-निर्वाचित सदस्यों या निदेशकों को डेली कामकाज के बारे में कोई नीतिगत निर्णय नहीं लेने का निर्देश दिया गया था.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
10:45 AM IST